05-09-2020
हमारी मातृ-भाषा, राजभाषा, जन-जन की प्यारी भाषा हिंदी को जब विद्यार्थी इतने प्रेम और उत्साह से पढ़ते हैं तो मन प्रफुल्लित हो उठता है, झूम उठता है | खासतौर पर जब हिंदी को कला से जोड़कर पढ़ा जाता है तो इसका आनंद ही कुछ और हो जाता है | हमारे विद्यालय के कक्षा ८ के छात्र- छात्राओं ने भी कुछ ऐसी ही गतिविधियाँ कीं | उन्होंने अपनी पाठ्यक्रम की पुस्तक में दिए गए पाठ ‘कामचोर’ को एक नाटक के रूप में प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया | इस गतिविधि से बालकों को पाठ को अच्छी तरह समझने की
समझ तो बनी ही, साथ ही साथ उनका मनोरंजन भी हुआ |